फंस गया अलफांसे Posted on March 27, 2015 by Ved Prakash Sharma यह कथानक लिखते वक़्त विकास का रौद्र रूप, अल्फाँसे के पैंतरे , सिंगही का सिंहनाद और नुसरत-तुगलक के लटके-झटके वेद प्रकाश शर्मा के दिमाग से कूदकर कागज पर नाच उठे ।
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