कानून का बेटा

केशव पंडित की जवानी जेलों में गुजरी और जेलों में उसने कानून की किताबो को घोट घोट कर पड़ा । फिर वह ऐसा शातिर बन गया कि कानून की धाराओं के बीच से सुरंगे बनाकर अपने एक एक दुश्मन का सफाया करता चला गया । लोग उसे कानून का बेटा इसलिए कहने लगे क्यूंकि वह बड़े से बड़ा जुर्म करता परन्तु भारतीय दंड विधान की किसी धरा का उलंधन नहीं करता । इसलिए सदा कानून की पकड़ से बहार रहता ।

केशव पंडित

keshav panditवह उपन्यास जिसमें इस सदाबहार किरदार का बचपन बताया गया है । वह बचपन जिसे पड़ने क बाद एक तरफ आप व्यवस्था से नफरत करने लगेंगे और दूसरी तरफ इस किरदार से बेहद प्यार । साथ ही ये प्रेरड़ा भी लेंगे कि सदी गली वव्यस्था से कैसे लड़ना चाहिए ।