क़त्ल ए आम

katal a aam यह क़त्ल-ऐ-आम विकास ने किया था । पर क्यों ? हमें यकीन है कि इस उपन्यास को पड़ने के बाद आपके मुह से एक ही बात निकलेगी, यह की विकास ने जो किया ठीक किया । क़त्ल-ऐ-आम ही उस समस्या का हल था जो देश के सामने मुंह बाए खड़ी थी ।

चलते पुर्जे

chalte purjeचलते पुर्जे तो आपने बहुत देखे होंगे, लेकिन ये ऐसे चलते पुर्जे है
जिन्होंने दिमागी जंग मैं विजय और अल्फाँसे जैसे धुरंदरों को तिगनी का नाच नचा दिया ।

डायन -2

Dayan 2भारत का सबसे ज्यादा बिकने वाला यह लेखक डायन-२ में एक ऐसे माँ की कहानी लेकर आया है
जिसके पास शरीर नहीं था । जो भावनाओं के भवर में बह रही थी और जिसे पारलौकिक दुनिया
की दुष्टात्माओं से टकराना था ।

डायन

Dayanएक औरत के पति की मृत्यु हो गई । उसकी बुद्धि भ्रष्ट हुई तो पति को
जिन्दा करने क लिए दूसरों के बच्चों की बलि देने लगी । पर उसे मालूम नहीं था
कि किसी की आँखें सपनो में उसकी करतूते देख रही है । फिर सपने देखने वाले
और उस औरत क बीच जंग शुरू हुई, मगर ये तो सिर्फ बहन था, असली जंग
तो माता दुर्गा और डायन क बीच थी और जब माँ जगदम्बा अपने रौद्र रूप में आई
तो काली शक्तियों क चहेरे सफ़ेद पद गए ।

बिच्छू

bichhuउस वक़्त क्रन्तिकारी खुद को छुपा कर रखते थे अर्थात पता नहीं लगने देते थे कि वे आज़ादी की लड़ाई के सिपाही है लेकिन बिच्छू एक ऐसा किरदार था जिसे एक-एक के बारे में सब कुछ मालूम था । था ?

खून दो आजादी लो

dusri krantiनेताजी सुभाष चन्द्र बॉस द्वारा दिए गए इस नारे ने उस समय के नोजवानो में ऐसा जोश भर दिया था की वे सचमुच आज़ादी की लिए खून देने लगे । आज हमें उन नोजवानो के बारे में जरूर पड़ना चाहिए ।