एक ऐसे सीधे-साधे और बहुत ही प्यारे लड़के की कहानी जो एक
खुशनुमा जिंदगी जिन चाहता था लेकिन माफिया ने जिसे ऐसा अंगारा
बना दिया जिसकी जद में जो आता, जलकर खाक हो जाता |
ऐसी कहानी जो मुश्किल से दो चार पृष्ठ बाद ही आपको इस कदर अपने मोहपाश में
बाँध लेगी कि इस उपन्यास को पूरा पड़ना आपको दुनिया का सबसे जरुरी काम लगने लगेगा ।
यह कहानी है ऐसे किरदार की जो एक सुबह जब सोकर उठा
तोह उसके जीवन के चार साल गायब थे । यानि उसे ये तोह याद था
की उसने चार साल पहले १०० करोड़ रूपये कमाए थे, मगर यह
याद नहीं था की उन १०० करोड़ रूपये क बदले क्या करना पड़ा था?
कत्ल हुआ नहीं और वकील कथित हत्यारे को सजा की वकालत कर रहा था ।
क्या इस केस की यही विचित्रता थी या फिर कोई और ? कानून ने क्या जवाब दिया इस केस पर ? और क्या हुआ न्याय? इन सवालो के जवावो का पिटारा है – शिखंडी
जो हर काम अपने वक़्त पर करता है मगर बोलता नहीं मुस्कुराता
नहीं । हँसता नहीं-रोता भी नहीं । जिसके चेहरे पर कोई भाव नहीं आता ।
एक ही रात में बल्कि एक ही पल में इंसान इतना कैसे बदल सकता है