द्रष्टि के अंतिम चोर तक फैला समुंद्र । उसके बीच फंसा एक शिप और एक एक कर के शिप में मौजूद लोगों के मर्डर होने लगते है । जाहिर है हत्यारा भी शिप में मौजूद है मगर कौन था वो ? यह सवाल आपको उपन्यास के अंतिम पृष्ठ तक चिपकाये रखेगा ।
Author: Ved Prakash Sharma
विश्व युद्ध की आग
इस उपन्यास में आगामी विश्वयुद्ध की कल्पना की गए है और जिन लोगों ने इस उपन्यास को पड़ा है , उनकी राय के मुताबिक वेद प्रकाश शर्मा ने बहुत ही सटीक कल्पना की है ।
धरती बानी दुल्हन
धरती जब दुल्हन बनती है तो उसका श्रृंगार आम दुल्हन की तरह नहीं होता बल्कि उसके मस्तक पर किसी माँ के लाडले का खून बिंदिया बनकर चमकता है । किसी दुल्हन के सुहाग का लहू इस दुल्हन के होठों की लाली बनती है किसी बहन की राखी इस दुल्हन के माथे का टिका बनकर चमकती है ।
जला हुआ वतन
एक ऐसा शख्स जिसकी रगो में खून नहीं पानी बहे रहा हो, उसका भी अगर वतन जल रहा हो, तो वो भी चेन की नींद नहीं सो सकता है । ऐसे शख्स की लोमहर्षक कहानी है ये ।