केशव पंडित की वापसी

kashav pandit ki vapsiयह गधा विजय से लिए गए केशव के रिवेंज की है । ऐसे रिवेंज की जिसने विजय जैसे
किरदार को तिलमिला कर रख दिया । लेकिन विजय तोह फिर विजय था !
क्या आप जानना चाहोगे की बदले में उसने क्या किया ?

विजय और केशव पंडित

VijayAurKeshavPanditविजय और केशव पंडित जैसे दो महान किरदारों में हुई टक्कर क बीच जहाँ
एक तरफ विकास अपने मुकम्बल रौद्र रूप मैं मौजूद है वंही केशव पंडित भी पूरे जलाल पर नज़र आता है ।

कानून का बेटा

केशव पंडित की जवानी जेलों में गुजरी और जेलों में उसने कानून की किताबो को घोट घोट कर पड़ा । फिर वह ऐसा शातिर बन गया कि कानून की धाराओं के बीच से सुरंगे बनाकर अपने एक एक दुश्मन का सफाया करता चला गया । लोग उसे कानून का बेटा इसलिए कहने लगे क्यूंकि वह बड़े से बड़ा जुर्म करता परन्तु भारतीय दंड विधान की किसी धरा का उलंधन नहीं करता । इसलिए सदा कानून की पकड़ से बहार रहता ।

केशव पंडित

keshav panditवह उपन्यास जिसमें इस सदाबहार किरदार का बचपन बताया गया है । वह बचपन जिसे पड़ने क बाद एक तरफ आप व्यवस्था से नफरत करने लगेंगे और दूसरी तरफ इस किरदार से बेहद प्यार । साथ ही ये प्रेरड़ा भी लेंगे कि सदी गली वव्यस्था से कैसे लड़ना चाहिए ।