फंस गया अलफांसे

phas gaya alphaseयह कथानक लिखते वक़्त विकास का रौद्र रूप, अल्फाँसे के पैंतरे , सिंगही का सिंहनाद
और नुसरत-तुगलक के लटके-झटके वेद प्रकाश शर्मा के दिमाग से कूदकर कागज पर नाच उठे ।

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