गन कोई भी हो, वह सिर्फ एक ही जुबान बोलती है । अपनी धार पर आये शख्स की मौत । जिसके हाथ में वो गन थी, वह धर्म का पालन कर रहा था या अधर्म का । यह फैसला आप इस उपन्यास को पड़ने के बाद ही कर पाएंगे ।
गीता में कृष्ण ने कहा है – रणभूमि में कोई संबंधी, कोई नाते-रिश्तेदार नहीं होता । दो सेनाए इसी का पालन करने आमने सामने आ गई लेकिन इस युद्ध में ये तय करना मुश्किल था कि कौन धर्म के लिए लड़ रहा था और कौन अधर्म के लिए ।
वो कब्र हिंदुस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर थी । दोनों ही देशो के जवान उस पर फूल चढ़ाया करते थे । क्यों ? क्या कहानी थी उस कब्र में सोई उस नन्ही बच्ची की ? हमे विश्वास है की उस कहानी को पड़ने के बाद आप भी उसकी कब्र पर फूल चढ़ाना चाहेंगे ।
विकास का दूसरा नाम । वो नाम जिस नाम से विकास को उसके दुश्मन जानते है । जानते ही नहीं बल्कि उसके इस रूप से थर्राते भी है । हमें यक़ीन है आप उसके इस रूप को देख कर थर्रा उठेंगे ।
ऐसे पाकिस्तानी जासूस की कहानी जो भारत में ही नहीं विजय और विकास के शहर यानि राजनगर में भी घुस आया । न केवल घुस आया बल्कि ऐसा तहलका मचाया उसने कि विजय जैसा धुरंदर और विकास जैसा शैतान भी पनाह मांग गया ।
जब विकास नहीं रहा तो उसकी माँ रैना से यह कहने वाले बहुत लोग थे कि माँ तू दिल छोटा क्यों करती है तेरे तोह लाखों लाल है लेकिन क्या उसमें से एक भी विकास जैसा बन सका ।
सारी दुनिया में ऐसे लोग बिखरे पड़े है जो विकास की हत्या के ख्वाहिशमंद है । वे इकठा हुए । लामबंद हुए और विकास की हत्या के लिए उन्होंने एक साजिश रची । ऐसे साजिश जिससे विजय जैसा शख्स भी धोखा खा गया और कामयाब हो गए ।