वर्दी वाला गुंडा

vardi wala gundaराजीव गांधी की हत्या की पृष्ठभूमि पर लिखे गए इस उपन्यास
में पुलिस वालों की उन सभी हरकतों को समेटा गया है जिनसे
आम आदमी त्रस्त रहता है |

दहेज़ में रिवाल्वर

dahej me revolverऐसा रिवाल्वर जो एक परिवार को उसके यंहा आये दहेज़ के
सामान के बीच रखा मिला था । यह पता लगाने के लिए उन्होंने एड़ी से छोटी
तक का जोर लगा दिया की रिवाल्वर सामान क बीच आखिर रखा किसने
था मगर कुछ पता नहीं लगा । वे रिवाल्वर को छुपा देते थे लेकिन वह
बार-बार सामने आकर किसी न किसी की हत्या कर देता था ।

चक्रव्यहू

chakraview‘चक्रव्यूह’ उपन्यास नहीं बल्कि आपके लिए सचमुच का ‘चक्रव्यूह’ है ।
आप इस ‘चक्रव्यूह’ को तोड़ नहीं पाएंगे आर्तार्थ रहस्य खुलने से पहले
मुजरिम का नाम नहीं जान पाएंगे । कृपया इस उपन्यास के ‘अंत’ के बारे में किसी को कुछ न बताये ।

सुहाग से बड़ा

SUHAG SE BADAहमारे ख्याल से हिंदुस्तानी औरत क लिए उसके सुहाग से बड़ा कोई नहीं हो सकता लेकिन वो था ।
कौन था वो ? और एक हिंदुस्तानी औरत उसे क्यों अपने सुहाग से भी बड़ा मानती थी ?
जानने के लिए पढ़ें – सुहाग से बड़ा !

भगवान नंबर दो

bhagwan no 2ईश्वर क बाद कुछ लोग मुल्क को भगवन नंबर दो मानते है तोह कुछ लोग दौलत को ।
भगवन की पदवी पा चुके पैसे क पीछे भाग रहे लोगों को , वेद प्रकाश शर्मा ने
इस उपन्यास में उनका अंजाम ऐसे अंदाज़ मैं बताने की कोशिश की है कि हर
हर पृष्ठ पर आपके रोंगटे खड़े हो जायेंगे |